लेखक : दुर्गा प्रसाद
इन्टॉलरेंस का जीन फिर बाहर आ गया है। इस बार उसे बाहर लाने वाले हैं डिफेंस मिनिस्टर पार्रिकर जी। उन्होंने एक बुक लॉन्चिंग के मौके पर इशारों में ही आमिर खान पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के खिलाफ बोलने वालों को सबक मिलना ही चाहिए। वह यहीं नहीं रूके और कहा कि इसी बयान को देखते हुए एक ऑनलाइन कंपनी ने उनसे ब्रॉन्ड एम्बेसडर का करार आगे नहीं बढ़ाया था।
अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर रक्षा मंत्री ही गड़े मुर्दे क्यों उखाड़ रहे हैं। क्या देश में सौहार्द का माहौल नहीं होना चाहिए। इस समय जब देश में कई जगहों से दलितों की पिटाई के मामले सामने आ रहे हैं और राजनीतिक दल अपनी रोटी सेंकने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में शांति के माहौल को ही तवज्जो मिलनी चाहिए।
यहां यह याद दिलाना जरूरी है कि आिमर ने क्या बयान दिया था। दरअसल पिछले साल एक अवॉर्ड फंक्शन में आमिर से पूछा गया था कि इन्टॉलरेंस पर विरोध करने का तरीका सही है क्या? इस पर उन्होने कहा था कि कई लोगों को लगता है कि उनके आसपास इन्टॉलरेंस, असुरक्षा और निराशा का माहौल बढ़ता जा रहा है। हम अखबारों में पढ़ते हैं कि क्या हो रहा है। मुझे भी इस बारे में कई बार सतर्क किया जा चुका है। कोई गलत करता है, तो उसे सजा मिलनी चाहिए। 1984 में जो हुआ वो भयानक था, पर उसका हवाला देकर आज को सही नहीं ठहराया जा सकता। चाहे केंद्र के हों या राज्य के, हम जन प्रतिनिधियों से ऐसे बयानों की उम्मीद करते हैं, जिनसे लोगों के मन में कानून के प्रति आस्था पैदा हो। पर जिन लोगों को हमने चुना है, उनके रवैये से असुरक्षा की भावना पैदा होती है। पिछले 6-8 महीनों में असंतोष और असुरक्षा बढ़ी है। पहली बार मेरी पत्नी किरण ने बहुत बड़ी और डरावनी बात कही - क्या हमें देश छोड़ देना चाहिए? वह अपने बच्चे के लिए डर रही हैं।’
अब डिफेंस मिनिस्टर के बयान आने के बाद इस पर राजनीति होने लगी है। राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री पर पलट वार करते हुए ट्वीट किया कि ‘’आरएसएस और पर्रिकर जी सबको सबक सिखाना चाहते हैं। ये आपके लिए सबक है- कायर नफरत करते हैं। कभी नहीं जीतते।’’ इसके अलावा कांग्रेस स्पोक्सपर्सन रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है, ‘’ रक्षा मंत्री को ऐसे बयान देने के बजाय जो काम दिया गया है उसे करना चाहिए। पाकिस्तान से लड़ने की बजाए वे आमिर खान जैसे नागरिकों को डरा रहे हैं।’’
बोतल में बंद जिन को बाहर निकालकर चर्चा में आना राजनेताओं फॉर्मूला हो सकता है, मगर इससे समाज में क्या प्रभाव पड़ेगा इसे देखते हुए सोच-समझकर ही बयानबाजी करनी चाहिए।
इन्टॉलरेंस का जीन फिर बाहर आ गया है। इस बार उसे बाहर लाने वाले हैं डिफेंस मिनिस्टर पार्रिकर जी। उन्होंने एक बुक लॉन्चिंग के मौके पर इशारों में ही आमिर खान पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के खिलाफ बोलने वालों को सबक मिलना ही चाहिए। वह यहीं नहीं रूके और कहा कि इसी बयान को देखते हुए एक ऑनलाइन कंपनी ने उनसे ब्रॉन्ड एम्बेसडर का करार आगे नहीं बढ़ाया था।
अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर रक्षा मंत्री ही गड़े मुर्दे क्यों उखाड़ रहे हैं। क्या देश में सौहार्द का माहौल नहीं होना चाहिए। इस समय जब देश में कई जगहों से दलितों की पिटाई के मामले सामने आ रहे हैं और राजनीतिक दल अपनी रोटी सेंकने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में शांति के माहौल को ही तवज्जो मिलनी चाहिए।
यहां यह याद दिलाना जरूरी है कि आिमर ने क्या बयान दिया था। दरअसल पिछले साल एक अवॉर्ड फंक्शन में आमिर से पूछा गया था कि इन्टॉलरेंस पर विरोध करने का तरीका सही है क्या? इस पर उन्होने कहा था कि कई लोगों को लगता है कि उनके आसपास इन्टॉलरेंस, असुरक्षा और निराशा का माहौल बढ़ता जा रहा है। हम अखबारों में पढ़ते हैं कि क्या हो रहा है। मुझे भी इस बारे में कई बार सतर्क किया जा चुका है। कोई गलत करता है, तो उसे सजा मिलनी चाहिए। 1984 में जो हुआ वो भयानक था, पर उसका हवाला देकर आज को सही नहीं ठहराया जा सकता। चाहे केंद्र के हों या राज्य के, हम जन प्रतिनिधियों से ऐसे बयानों की उम्मीद करते हैं, जिनसे लोगों के मन में कानून के प्रति आस्था पैदा हो। पर जिन लोगों को हमने चुना है, उनके रवैये से असुरक्षा की भावना पैदा होती है। पिछले 6-8 महीनों में असंतोष और असुरक्षा बढ़ी है। पहली बार मेरी पत्नी किरण ने बहुत बड़ी और डरावनी बात कही - क्या हमें देश छोड़ देना चाहिए? वह अपने बच्चे के लिए डर रही हैं।’
अब डिफेंस मिनिस्टर के बयान आने के बाद इस पर राजनीति होने लगी है। राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री पर पलट वार करते हुए ट्वीट किया कि ‘’आरएसएस और पर्रिकर जी सबको सबक सिखाना चाहते हैं। ये आपके लिए सबक है- कायर नफरत करते हैं। कभी नहीं जीतते।’’ इसके अलावा कांग्रेस स्पोक्सपर्सन रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है, ‘’ रक्षा मंत्री को ऐसे बयान देने के बजाय जो काम दिया गया है उसे करना चाहिए। पाकिस्तान से लड़ने की बजाए वे आमिर खान जैसे नागरिकों को डरा रहे हैं।’’
बोतल में बंद जिन को बाहर निकालकर चर्चा में आना राजनेताओं फॉर्मूला हो सकता है, मगर इससे समाज में क्या प्रभाव पड़ेगा इसे देखते हुए सोच-समझकर ही बयानबाजी करनी चाहिए।
0 comments:
Post a Comment