लेखक : दुर्गा प्रसाद
"दिल का रिश्ता बड़ा ही प्यारा है" जी हां! दिल का रिश्ता की सबसे प्यारा होता है। वरना सात समंदर पार बैठी एक मां अपने बेटे को शादी का आशीर्वाद देने के लिए उत्तरप्रदेश के गोरखपुर थोड़ा ना आती। मजेदार बात यह है कि मां-बेटे का रिश्ता बनाने में फेसबुक का सबसे अहम रोल रहा। इससे फेसबुक की महिमा का अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमें मिलाने में इसका कितना बड़ा योगदान है।
हुआ यूं कि गोरखपुर के पिपराइच के रहने वाले कृष्ण
मोहन त्रिपाठी और अमेरिका में रहने वाली डेब मिलर चार साल पहले फेसबुक पर मिले थे। कृष्ण, डॉ. राममनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी (फैजाबाद) से एमएससी कर
रहा है। वहीं, डेब लॉस एंजिलिस में रहती हैं। चैंटिंग के दौरान डेब कृष्णा को बताया कि उनका कोई बच्चा नहीं है। धीरे-धीरे एक दूसरे के संपर्क में आते हुए दोनों में भावनात्मक रिश्ता हो गया। एक दिन डेब मिलर ने कृष्ण से पूछा कि क्या वे उनके बेटे
बनेंगे? इस पर कृष्ण उन्हें मना नहीं कर सका और दोनों के बीच मां-बेटे का रिश्ता बन गया। डेब के पति एयरो स्पेस इंजीनियर थे। उनका अमेरिका में सर्जिकल इन्स्ट्रूमेंट्स का बिजनेस है।
बीते 29 जनवरी, 2016 को कृष्ण की गोरखपुर में शादी थी। उन्होंने अपनी अमेरिकन मां को फेसबुक पर शादी में आने का इन्विटेशन दिया। अपने दिल के करीब बेटे कृष्ण के लिए अमेरिकी मां 25 जनवरी को ही गोरखपुर पहुंच गईं। उनको सामने देख कृष्णा को विश्वास ही नहीं हुआ। उन्होंने कृष्ण की वाइफ को गिफ्ट में 125 साल पुरानी रिंग दी। डेब ने शादी के दौरान साड़ी ही पहनी। डांस किया और हर रस्म में शामिल हुईं।
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