लेखक : दुर्गा प्रसाद
पर्यटन नगरी मनाली में बर्फ ने सफेद चादर ओढ़ ली है। इस बर्फबारी से पर्यटन से जुड़े लोगों के चेहरों पर मुस्कान आ गई है। बर्फबारी का आनंद लेने के लिए मनाली जाना यह सबसे अच्छा समय है। यहां पर आप बर्फबारी में खूब रोमांच कर सकते हैं। खासकर कपल्स के लिए यह खास समय है। यहां पर जाकर आप रोमांच का भरपूर आनंद उठा सकते हैं। पहाड़ाें पर अच्छािदत सफेद चादर और कल-कल करती नदी के साइडों पर पड़ी बर्फ का आसीम आनंद का अनुभव कराती है। मनु की नगरी मनाली का प्राकृतिक सौंदर्य सभी को आकर्षित करता है। अगर यहां पर बर्फबारी का नजारा देखने को मिले तो स्वर्ग से सुख की प्राप्ति होती है।
आइए डालते हैं मनाली पर एक नजर-
मनाली, हिमाचल प्रदेश राज्य में समुद्र स्तर से 1950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह पर्यटकों की पहली पसंद है और ऐसा हिल स्टेशन है जहां पर्यटक सबसे ज्यादा आते हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, मनाली का नाम मनु से उत्पन्न हुआ है जिन्हेंे सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रहमा ने बनाया था। ऐसा माना जाता है कि मनु इसी जगह पर जीवन के सात चक्रों में बने और मिटे थे।
पर्यटन नगरी मनाली में बर्फ ने सफेद चादर ओढ़ ली है। इस बर्फबारी से पर्यटन से जुड़े लोगों के चेहरों पर मुस्कान आ गई है। बर्फबारी का आनंद लेने के लिए मनाली जाना यह सबसे अच्छा समय है। यहां पर आप बर्फबारी में खूब रोमांच कर सकते हैं। खासकर कपल्स के लिए यह खास समय है। यहां पर जाकर आप रोमांच का भरपूर आनंद उठा सकते हैं। पहाड़ाें पर अच्छािदत सफेद चादर और कल-कल करती नदी के साइडों पर पड़ी बर्फ का आसीम आनंद का अनुभव कराती है। मनु की नगरी मनाली का प्राकृतिक सौंदर्य सभी को आकर्षित करता है। अगर यहां पर बर्फबारी का नजारा देखने को मिले तो स्वर्ग से सुख की प्राप्ति होती है।
आइए डालते हैं मनाली पर एक नजर-
मनाली, हिमाचल प्रदेश राज्य में समुद्र स्तर से 1950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह पर्यटकों की पहली पसंद है और ऐसा हिल स्टेशन है जहां पर्यटक सबसे ज्यादा आते हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, मनाली का नाम मनु से उत्पन्न हुआ है जिन्हेंे सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रहमा ने बनाया था। ऐसा माना जाता है कि मनु इसी जगह पर जीवन के सात चक्रों में बने और मिटे थे।
मनाली एक नजर में
मनाली पर्यटकों के बीच यहां के सुंदर दृश्यों, गार्डन, पहाड़ो और सेब के बागों के लिए जाना जाता है। यहां के बागों में लाल और हरे सेब काफी मात्रा में पैदा होते है। यहां आने पर पर्यटक हिमालय नेशनल पार्क, हिडिम्बा मंदिर, सोलांग घाटी, रोहतांग पास, पनदोह बांध, पंद्रकनी पास, रघुनाथ मंदिर और जगन्ननाथी देवी मंदिर देख सकते हैं। हडिम्बा, हडिम्ब भगवान की बहन थीं। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर को बनवाने वाले राजा ने मंदिर बनाने वाले कलाकारों के सीधे हाथ काट दिए थे ताकि वह ऐसा सुंदर मंदिर कही और न बना सकें।
मनाली की सोलांग घाटी 300 मीटर की ऊंचाई वाली है जहां हर साल सर्दियों में विंटर स्किईंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। वहीं रोहतांग पास एक पहाड़ी पिकनिक स्पॉट है जिसे जिपावेल रोड़ के नाम से भी जाना जाता है। यहां आकर पर्यटक कई प्रकार की साहसिक गतिविधियों जैसे - पैराग्लाडिंग, पहाड़ो पर बाइक चलाना, और स्किईंग को कर सकते है। यहां से पूरे मनाली की भूमि, ग्लेशियर और पर्वतों का खुबसूरत व्यू देखा जा सकता है। मनाली में आने वाले धार्मिक पर्यटक वव्यास कुंड अवश्य आएं, इस कुंड का वर्णन महाभारत में ऋषि व्यास के संदर्भ में किया गया है। माना जाता है कि ऋषि व्यास ने इसी कुंड में स्नान किया था। कहा जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से त्व्चा संबंधी रोग दूर हो जाते हैं। मनाली में स्थित गांव वशिष्ठ सोपस्टोन से बना हुआ है। यह गांव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, यहां स्थित मंदिर सैंडस्टोन से बने हुए है। इसके अलावा, यहां कई प्राकृतिक झरने भी स्थित हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, लक्ष्मण जी जो भगवान राम के भाई थे, ने यहां एक सल्फर झरने का निर्माण कर दिया था। यहां आकर पर्यटक काला गुरू और रामा मंदिर भी देख सकते हैं।
इसके अलावा मनाली यहां होने वाली साहसिक गतिविधियों के कारण भी जाना जाता है, यहां कई साहसिक गतिविधियों का आयोजन समय-समय पर किया जाता है जैसे - पर्वतारोहण, माउंटेन बाइकिंग, नदी राफ्टिंग, ट्रैकिंग, जॉरविंग और पैराग्लाइडिंग। मनाली के पास में रोहतांग दर्रा, देव डिव्वा बेस कैंप, पिन नार्वती पास, बाल झील आदि है जो पर्यटकों को अवश्य भाएंगे। मनाली में माउंटेन बाइकिंग भी की जा सकती है लेकिन यहां बाइकिंग करने का अच्छा और उचित समय सितम्बर के महीने में होता है। इस दौरान सड़को पर बर्फ जमा नहीं होती है और गाड़ी फिसलने का डर नहीं रहता है।
मनाली की सोलांग घाटी 300 मीटर की ऊंचाई वाली है जहां हर साल सर्दियों में विंटर स्किईंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। वहीं रोहतांग पास एक पहाड़ी पिकनिक स्पॉट है जिसे जिपावेल रोड़ के नाम से भी जाना जाता है। यहां आकर पर्यटक कई प्रकार की साहसिक गतिविधियों जैसे - पैराग्लाडिंग, पहाड़ो पर बाइक चलाना, और स्किईंग को कर सकते है। यहां से पूरे मनाली की भूमि, ग्लेशियर और पर्वतों का खुबसूरत व्यू देखा जा सकता है। मनाली में आने वाले धार्मिक पर्यटक वव्यास कुंड अवश्य आएं, इस कुंड का वर्णन महाभारत में ऋषि व्यास के संदर्भ में किया गया है। माना जाता है कि ऋषि व्यास ने इसी कुंड में स्नान किया था। कहा जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से त्व्चा संबंधी रोग दूर हो जाते हैं। मनाली में स्थित गांव वशिष्ठ सोपस्टोन से बना हुआ है। यह गांव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, यहां स्थित मंदिर सैंडस्टोन से बने हुए है। इसके अलावा, यहां कई प्राकृतिक झरने भी स्थित हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, लक्ष्मण जी जो भगवान राम के भाई थे, ने यहां एक सल्फर झरने का निर्माण कर दिया था। यहां आकर पर्यटक काला गुरू और रामा मंदिर भी देख सकते हैं।
इसके अलावा मनाली यहां होने वाली साहसिक गतिविधियों के कारण भी जाना जाता है, यहां कई साहसिक गतिविधियों का आयोजन समय-समय पर किया जाता है जैसे - पर्वतारोहण, माउंटेन बाइकिंग, नदी राफ्टिंग, ट्रैकिंग, जॉरविंग और पैराग्लाइडिंग। मनाली के पास में रोहतांग दर्रा, देव डिव्वा बेस कैंप, पिन नार्वती पास, बाल झील आदि है जो पर्यटकों को अवश्य भाएंगे। मनाली में माउंटेन बाइकिंग भी की जा सकती है लेकिन यहां बाइकिंग करने का अच्छा और उचित समय सितम्बर के महीने में होता है। इस दौरान सड़को पर बर्फ जमा नहीं होती है और गाड़ी फिसलने का डर नहीं रहता है।
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