लेखक : दुर्गा प्रसाद
सच्चा इंसान वही होता है जो अपने बीते दिनों को नहीं भूलता है और जब मौका आए तो अपने बारे में दुनिया को बताने से गुरेज भी नहीं करता है। ऐसे ही सख्सियत की मिसाल पेश की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। अमेरिका के दौरे पर गए प्रधानमंत्री जब फेसबुक के हेडक्वार्टर पहुंचे वहां पर उनका बड़ा भव्य स्वागत किया गया। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के साथ मोदी ने लोगों के सवालों के जवाब दिए।
टाउन हाल में जुकरबर्ग ने मोदी से सवाल किया कि आप मेरे माता-पिता जी से मिलने आएं हैं और आपकी जिंदगी में मां का बड़ा रोल है, कुछ बताइए?
जब मोदी जी से मां के बारे में जिक्र किया गया तो वो काफी इमोशनल हो गए। कहने लगे पिता जी तो नहीं रहे... मेरी मां ने मुझे दूसरों के जूठे बर्तन मांझकर पाला पोसा। आप इस बात क अंदाजा लगा सकते हैं कि एक मां ने उस हालात में मुझे पालने में क्या-क्या नहीं सहा होगा और वह इमोशनल हो गए और उनका गला भर आया। कुछ देर चुप रहने के बाद कहने लगे मैं ही नहीं मेेरे जैसे कई लोग ऐसे हैं जो ऐसी परिस्थिति से गुजरते हैं। ऐसी मां को मैं सलाम करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मां से आशीर्वाद लेते हुए।
एक पुत्र का मां के प्रति आगाध प्रेम देख टाउनहॉल में सभी लोग मोदी के सम्मान मे खड़े हो गए और ताली की गडग़ड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। इससे एक मैसेज सभी लोगों को जाता है कि हम सभी को अपने मां-बाप की सेवा करने मे कोई कसर नहीं छोडऩी चाहिए। हमेशा यही सोचना चाहिए कि हमें हमारे मां-बाप ने कैसे पाला होगा। हमेशा उनका हौंसला बरकरार रखना चाहिए।
यह दिगर बात है कि मोदी जी ने जो उम्मीद जगाई है उस पर वह कितने प्रतिशत खरे उतर पाएंगे? मगर उन्होंने आज दुनिया के खास मंच में अपनी भावनाओं को जगाकर एक संदेश दे दिया है कि एक सच्चा चाहे बेटा किसी भी पद पर पहुंच जाए, मगर वह मां की ममता की छांव को कभी नहीं भूलता। आज करोड़ों भारतीयों के अलावा विश्व के अनेक देशों ने यह सीख ले ली है कि इंसान को अपनी जिंदगी के बुरे वक्त को कभी भूलना चाहिए।
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सच्चा इंसान वही होता है जो अपने बीते दिनों को नहीं भूलता है और जब मौका आए तो अपने बारे में दुनिया को बताने से गुरेज भी नहीं करता है। ऐसे ही सख्सियत की मिसाल पेश की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। अमेरिका के दौरे पर गए प्रधानमंत्री जब फेसबुक के हेडक्वार्टर पहुंचे वहां पर उनका बड़ा भव्य स्वागत किया गया। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के साथ मोदी ने लोगों के सवालों के जवाब दिए।
टाउन हाल में जुकरबर्ग ने मोदी से सवाल किया कि आप मेरे माता-पिता जी से मिलने आएं हैं और आपकी जिंदगी में मां का बड़ा रोल है, कुछ बताइए?
जब मोदी जी से मां के बारे में जिक्र किया गया तो वो काफी इमोशनल हो गए। कहने लगे पिता जी तो नहीं रहे... मेरी मां ने मुझे दूसरों के जूठे बर्तन मांझकर पाला पोसा। आप इस बात क अंदाजा लगा सकते हैं कि एक मां ने उस हालात में मुझे पालने में क्या-क्या नहीं सहा होगा और वह इमोशनल हो गए और उनका गला भर आया। कुछ देर चुप रहने के बाद कहने लगे मैं ही नहीं मेेरे जैसे कई लोग ऐसे हैं जो ऐसी परिस्थिति से गुजरते हैं। ऐसी मां को मैं सलाम करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मां से आशीर्वाद लेते हुए।
एक पुत्र का मां के प्रति आगाध प्रेम देख टाउनहॉल में सभी लोग मोदी के सम्मान मे खड़े हो गए और ताली की गडग़ड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। इससे एक मैसेज सभी लोगों को जाता है कि हम सभी को अपने मां-बाप की सेवा करने मे कोई कसर नहीं छोडऩी चाहिए। हमेशा यही सोचना चाहिए कि हमें हमारे मां-बाप ने कैसे पाला होगा। हमेशा उनका हौंसला बरकरार रखना चाहिए।
यह दिगर बात है कि मोदी जी ने जो उम्मीद जगाई है उस पर वह कितने प्रतिशत खरे उतर पाएंगे? मगर उन्होंने आज दुनिया के खास मंच में अपनी भावनाओं को जगाकर एक संदेश दे दिया है कि एक सच्चा चाहे बेटा किसी भी पद पर पहुंच जाए, मगर वह मां की ममता की छांव को कभी नहीं भूलता। आज करोड़ों भारतीयों के अलावा विश्व के अनेक देशों ने यह सीख ले ली है कि इंसान को अपनी जिंदगी के बुरे वक्त को कभी भूलना चाहिए।
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