लेखक : दुर्गा प्रसाद
“देर आयद दुरस्त आयद” वाली कहावत प्रधानमंत्री पर सही चरितार्थ होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलितों पर हमले करने वालों को सख्त लहेजे में चेताया है। उन्होंने कहा है कि अगर किसी को हमला करना है तो वह उन पर हमला करे और किसी को गोली चलानी है तो उन पर गोली चलाए, लेकिन दलितों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हैदराबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरक्षा के नाम पर और अन्य वजहों से दलितों पर हमलों के हालिया वाकयों के मद्देनजर ऐसा करने वालों को साफ-साफ चेतावनी दी है। यहां जिक्रयोग्य है कि हाल ही मैं गुजरात के उना में दलितों की पिटाई का मामला काफी उछला था।
मोदी ने यह भी कहा कि हमें दलितों को प्रताड़ित करने का हक किसने दिया? समाज की एकता हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। भाषा, जाति और ऊंच-नीच के आधार पर समाज को बांटने नहीं दिया जाएगा।’ समाज को एकता के धागे में पिरोकर रखना ही हमारी पहली प्राथमिकता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने गौहत्या के मामले में कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि गोरखधंधा करने वाले रात में गोरखधंधा कर दिन में गौरक्षक बन रहे हैं। ऐसे नकली गौरक्षकों की असली गौरक्षाक पहचान करें, ताकि उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जा सके।
एकता-अखंडता बनाए : प्रधानमंत्री ने समाज में एकता और अखंडता बनाए रखने की प्राथमिकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश की एकता ही देश की अमानत और भविष्य है।’ दलितों को अपने साथ जोड़ने वाले कदम के तहत मोदी ने कहा कि जब उन्हें अमेरिकी संसद में भाषण देने का मौका मिला तो वहां भी उन्होंने आंबेडकर को याद किया। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सरकार गरीबों, दलितों, पीड़ितों और वंचितों के लिए है।
मोदी ने इस दौरान लोगों से आह्वान किया कि वे 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगा यात्रा निकालें। तिरंगा यात्रा के दौरान ऐसे स्थानों पर पर जाएं जिनका ऐतिहासिक महत्व हो।’मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के इतिहास में 7 अगस्त का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन को हमने हैंडलूम दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। अब देखना यह है कि हाल ही में देश में हुए घटनाओं पर कितना अंकुश लगता है।
“देर आयद दुरस्त आयद” वाली कहावत प्रधानमंत्री पर सही चरितार्थ होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलितों पर हमले करने वालों को सख्त लहेजे में चेताया है। उन्होंने कहा है कि अगर किसी को हमला करना है तो वह उन पर हमला करे और किसी को गोली चलानी है तो उन पर गोली चलाए, लेकिन दलितों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हैदराबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरक्षा के नाम पर और अन्य वजहों से दलितों पर हमलों के हालिया वाकयों के मद्देनजर ऐसा करने वालों को साफ-साफ चेतावनी दी है। यहां जिक्रयोग्य है कि हाल ही मैं गुजरात के उना में दलितों की पिटाई का मामला काफी उछला था।
मोदी ने यह भी कहा कि हमें दलितों को प्रताड़ित करने का हक किसने दिया? समाज की एकता हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। भाषा, जाति और ऊंच-नीच के आधार पर समाज को बांटने नहीं दिया जाएगा।’ समाज को एकता के धागे में पिरोकर रखना ही हमारी पहली प्राथमिकता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने गौहत्या के मामले में कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि गोरखधंधा करने वाले रात में गोरखधंधा कर दिन में गौरक्षक बन रहे हैं। ऐसे नकली गौरक्षकों की असली गौरक्षाक पहचान करें, ताकि उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जा सके।
एकता-अखंडता बनाए : प्रधानमंत्री ने समाज में एकता और अखंडता बनाए रखने की प्राथमिकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश की एकता ही देश की अमानत और भविष्य है।’ दलितों को अपने साथ जोड़ने वाले कदम के तहत मोदी ने कहा कि जब उन्हें अमेरिकी संसद में भाषण देने का मौका मिला तो वहां भी उन्होंने आंबेडकर को याद किया। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सरकार गरीबों, दलितों, पीड़ितों और वंचितों के लिए है।
मोदी ने इस दौरान लोगों से आह्वान किया कि वे 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगा यात्रा निकालें। तिरंगा यात्रा के दौरान ऐसे स्थानों पर पर जाएं जिनका ऐतिहासिक महत्व हो।’मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के इतिहास में 7 अगस्त का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन को हमने हैंडलूम दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। अब देखना यह है कि हाल ही में देश में हुए घटनाओं पर कितना अंकुश लगता है।
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