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पीपीएफ और सुकन्या धन योजना के ब्याज दर में कटौती

लेखक : दुर्गा प्रसाद



भारत में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) धारकों के लिए बुरी खबर है। सरकार ने पीएफ के ब्याज दरों पर कटौती कर दी है। एक अप्रैल से 30 जून के दौरान 8.7 के बजाय अब 8.1 फीसदी ब्याज मिलेगा। यह प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचािरयों के लिए यह करारा झटका है। इसके अलावा सरकार ने सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम्‍स पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट्स में 1.3 फीसदी तक की भारी कटौती की है।
इसके अलावा किसान विकास पत्र में इसी दौरान 8.7 प्रतिशत की जगह 7.8 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा।
इसके अलावा सुकन्या समृद्धि योजना को भी तगड़ा झटका लगा है। सरकार ने इस स्कीम में 9.2 फीसदी ब्याज दर की थी जब अब घटाकर 8.6 फीसदी कर दी गई है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए इस स्कीम में लाखों लोगों ने निवेश किया है, मगर मात्र एक साल के अंतर्गत ही इस योजना में ब्याज पर कटौती की गई है। यह कटौती 11 साल तक बेटियों के लिए शुरू की गई स्क्रीम के लिए तगड़ा झटका लाई है। इस स्कीम के तहत हर साल 1000 से 150000 लाख के बीच पैसे जमा किए जा सकते हैं। अब इस स्कीम में कटौती कर सरकार ने अपनी मंशा जता दी है।
हालांकि पोस्ट ऑफ़िस सेविंग स्कीम पर पहले की तरह ब्याज दर चार प्रतिशत ही रहेगी। इस पर सरकार ने कैची नहीं चलाई है। इसके अलावा पांच साल की राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (नेशनल सेविंग सर्टिफ़िकेट) योजना की ब्याज दर पहली अप्रैल से 8.5 प्रतिशत की जगह 8.1 प्रतिशत कर दी गई है।
वरिष्ठ नागरिकों की हितैषी होने का दम भरने वाली मोदी सरकार ने अपनी सच्चाई उजागर कर दी है। अब वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम) पर ब्याज दर 9.3 प्रतिशत की जगह 8.6 प्रतिशत कर दिया गया है।
यहां जिक्र योग्य है कि 16 फरवरी को सरकार ने ऐलान किया था कि वो छोटी बचत योजनाओं में ब्याज दर को मार्केट रेट के नज़दीक लाने की कोशिश करेगी। साथ ही सरकार ने ये भी स्पष्ट किया था कि हर तीन महीने पर ऐसी योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा की जाएगी। अब देखना है कि सरकार इस ब्याज दर को रखेगी या विरोध होने पर रोलबैक करेगी।
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