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धर्मशाला में होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच पर संकट के बादल

लेखक . दुर्गा प्रसाद


हिमाचल के धर्मशाला में टी-20 विश्व कप में भारत-पाकिस्तान के बीच 19 मार्च को होने वाले मैच को लेकर संशय बना हुआ है। इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले में हिमाचल के जवानों का मारा जाना। इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ माना जा रहा है। सैनिकों के परिजनों का कहना है कि अगर धर्मशाला में मैच होता है तो वह इसका कड़ा विरोध करेंगे और पिच तक खोदने की धमकी दे रहे हैं। अब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) इस मैच को कहीं और वैकल्पिक जगह पर स्थानांतरित करने का विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम पर 10 साल का वैन लग सकता है। आइए एक नजर डालते हैं इस संकट से उबारने के लिए अहम किरदारों के बारे में-

अनुराग ठाकुर 

बीसीसीआई सचिव और हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर इस समस्या का हल निकालने में अहम किरदार निभा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ बैठक कर  सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाने की बात कही है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि अगर यह मैच स्थानांतरित होता है तो इससे प्रदेश की छवि धूमिल हो सकती है। अगर मैच होता है तो यह अंतरराष्ट्रीय पटल पर इसकी पहचान बनेगी। उनका तर्क यह भी है कि इस मैच का शैड्यूल पिछले साल ही तय हो चुका था इसलिए इसे पठानकोट हमले के हालात के मद्देनजर कैंसल नहीं किया जाना चाहिए।

वीरभद्र सिंह 

अगर देखा जाए तो यह मुद्दा राजनीतिक बन चुका है। असल में यहां पर भाजपा और कांग्रेस दो बड़े दलों के बीच राजनीति की बिसात बिछती है। पठानकोट आतंकी हमले आैर जम्मू-कश्मीर में हिमाचल के कई सैनिक शहीद हुए हैं। ऐसे में सैनिकों के परिवारों को मैच के दौरान पाकिस्तान झंडे लहराने को लेकर सख्त एतराज है। सैनिकों के परिजनों का कहना है कि हिमाचल को छोड़ अन्य किसी जगह मैच करवाने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। ऐसे में सरकार सैनिकों के परिवारों और हिमाचल की जनता को नाराज नहीं करना चाहती है, क्योंकि इसका कनेक्शन सीधे-सीधे जनभावना से है। दूसरी तरफ प्रदेश सरकार क्रिकेट से टूरिज्म काे बढ़ावा देना चाहती है। ऐसे में मुख्यमंत्री को यह राह आसान नहीं दिख रही है।


केंद्र सरकार 

केंद्र सरकार का भी इस मैच को लेकर प्रदेश सरकार पर दबाव बना रही है। केंद्र का कहना है की सुरक्षा की दृष्टि के मद्देनजर यहां अर्द्धसैनिक बल की तैनाती की जा सकती है। उधर, मुख्यमंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजामात पर सही से कुछ नहीं कहा है, ऐसे में सुरक्षा की व्यवस्था को देखते हुए पाकिस्तान अश्वस्त नहीं दिख रहा है। अब पाकिस्तान का एक शिष्टमंडल धर्मशाला में सुरक्षा व्यवस्था को देखकर तय करेगा कि क्या यहां पर मैच के लिए सही व्यवस्था हो सकती है या नहीं।
पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद भारत में फैलाया जा रहा है ऐसे में लोगों में आक्रोश की भावना पनपी है। लोगों का कहना है कि आतंकवाद के साथ खेल नहीं हो सकता है।  ऐसे में यह मैच अब आईसीसी और बीसीसीआई की गले की फांस बन चुका है।
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